आर्तनाद
Tuesday, October 26, 2010
वचन देकर कभी तोड़े नहीं जाते
मीत अपने कभी छोड़े नहीं जाते
देखकर तूफ़ान के बदले हुए तेवर
रुख कभी गंतव्य के मोड़े नहीं जाते
--पद्म कान्त शर्मा 'प्रभात'
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